Ads 468x60px

Tuesday, September 15, 2009

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,
हर चहरे मे कुछ तो एह्साह है!

आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है!

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तो चाँद की चाहत किसे होती!

कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती!

कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना!

कभी अगर दिल भर जाये तो संग अपने रुला लेना,
तनहा जी कर अपने इस दोस्त को इतने बड़ी सजा ना देना!

दोस्ती सच्ची हो तो वक्त रुक जाता है,
आसमान laakh ऊँचा हो मगर झुक जता है!

दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त saccha हो तो खुदा भी झुक जता है!

दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही,
दोस्ती पर्वत है, जो झुकता नही!

इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो "अनमोल" मोती है जो बिकता नही!

सच्ची है दोस्ती आजमा के देखो,
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो!

बदलता नही कभी सोना अपना रंग,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो .........

No comments:

Post a Comment